सबरे, जतन कर डारे। युवा फिर रहें मारे-मारे।। सबरे, जतन कर डारे। युवा फिर रहें मारे-मारे।।
यूँ तो गंगा का समय भी स्वयं विस्तृत आकार है , गंगा हर युग में हर काल में लेती चरणब यूँ तो गंगा का समय भी स्वयं विस्तृत आकार है , गंगा हर युग में हर काल में ...
जिन हाथों से तूने दिन भर उसकी भूख को मिटाया था उन काँपते हाथों को भी मैंने उसको झटकते जिन हाथों से तूने दिन भर उसकी भूख को मिटाया था उन काँपते हाथों को भी मैंने उस...
दुर्दशा अपनी बताने आ गये दुर्दशा अपनी बताने आ गये
कपड़े पहनकर क्या करेंगे, जिस्म तो जला तवा है! कपड़े पहनकर क्या करेंगे, जिस्म तो जला तवा है!
तुम्हें सुनना है अंतस की आवाज़ रखना है ख़ुद पर विश्वास।। तुम्हें सुनना है अंतस की आवाज़ रखना है ख़ुद पर विश्वास।।